"hauslanama: Junoon Ho To Mushkilein Kahanजुनून हो तो मुश्किलें कहाँ"

By: OP Singh

117

295 221.25

ISBN: 9788183285261

Number of pages: 168

Weight: 200 grams

Dimensions: 21.59 X 13.97 X 1.016 cm

Binding: Paperback

जिंदगी हौसलों की कहानी है। दो चुनौतियाँ और तीन प्रश्न इसके प्रमुख किरदार हैं।
सफलता किसी एक के जीत जाने के लिए हजारों अन्य के चाहे-अनचाहे हारने का उपक्रम है। कोई कितना भी धनी, शक्तिशाली या प्रसिद्ध हो, जीत-हार के दो पाटों के बीच पिसता ही रहता है। चुनौती यह है कि कैसे हार को दिल पर न लें और जीत को दिमाग पर न चढ़ने दें। दोनो बड़ा नुकसान करती हैं।
हम एक चेतन जीव हैं। जीवन-पूर्व एवं मृत्यु-उपरांत अस्तित्व की बड़ी चिंता करते हैं। जीवन के तीन मूल प्रश्न हमें अक्सर व्यथित करते हैं-हम कहाँ से आए हैं, यहाँ क्या करना है और वापस किधर जाएँगे। जरूरी है कि इसका उत्तर हम स्वयं ढूँढ़ें। कहे-सुने पर न जाएँ। यही जीवन का उद्देश्य है।
आज जैसा भी हो, हौसला रखें कि आप अपने दम पर कल की एक नई कहानी लिखेंगे। ‘हौसलानामा’ इसी आग्रह का संकलन है।


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